मेरे हर कदम तेरे राह में।
तेरी याद में डूबे हुए मेरे पलकें हैं कुछ ऐसे।
किसी चाह की अब चाह नहीं बस चाह है तुझसे।
मेरे यादों के गुलशन का तू बगीचा है आंगन है।
एक सपना है सपनों में सही सपने मिले तुझसे।
मिलेंगे एक दिन उम्मीद लिए मैं ये जिया जाऊ।
कर दूर कर ये दूरियां ना दूर रह मुझसे ।
तुम्हें ना भी बुलाऊ तो तुम ख़ुद चले आना।
आ बेर कर ये बेड़ीयां ना बैर रख मुझसे।
मेरे दिल के वीरानेपन को तू दूर कर ऐसे।
के सूना दिल सूनी दुनियां सब सूना हो सूनेपन से।
खोया हुआ हूं मैं मुझमे अब तू ही वापस ला।
बुला ले तू बुला कर यूं कि बुलाना ना पड़े फिर से।
मैं रोता हूं सदा जब ना तुझे मैं पास पाता हूं।
जीना है तेरे संग और जान है मेरी बसी तुझमें।
ये जीवन है बहुत ही कम मेरी उम्मीद ज्यादा है।
हैं राह मेरे हर कदम जो है शुरू और खत्म है तुझमें।
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